क़िस्मत की खोज में
खुद की तलाश मैं,
अपनी पहचान से।
निकले है देखो आज,
क़िस्मत की खोज में।
मंज़िल का पता नहीं,
हम तो राही है,
हमे तो चलते रेहना।
निकले है देखो आज,
क़िस्मत की खोज में।
बचपन में देखा एक सपना,
कुछ अलग और बड़ा है करना।
भीड़ से हटके कुछ करना,
ना जाने वाहा, दम क्यों गुट ता।
निकले है देखो आज,
क़िस्मत की खोज में।
मेहनत रंग लाएगी,
अपनी मंज़िल मिल जाएगी।
निकले है देखो आज,
क़िस्मत की खोज में।
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