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poetry

habits, मैं निकल चला हूं

मैं निकल चला हूं

खुद की तलाश में अपनी पहचान में, भीड़ को पीछे छोड़, में निकल चला हूं। लोगों की छोटी सोच से, समाज के दिए चोट से, अपनों के तानों के शोर से, मैं निकल चला हूं।… Read More »मैं निकल चला हूं

सुनो, मेरी डायरी कुछ कहती है

सुनो, मेरी डायरी कुछ कहती है

मेरी डायरी मेरे बारे में कम तेरे बारे में ज्यादा कहती है. जो पल हमने साथ में बिताए है, उनकों लफ़्ज़ों मे उतारा है. सुनो, मेरी डायरी कुछ कहती है. अच्छा सच बोलना, क्या तुम्हें… Read More »सुनो, मेरी डायरी कुछ कहती है

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