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Poetry

MEHNAT

ज़मीन बंजर ही होती है, खाद और पसीने से, उसको सिचा जाता है, तो हरियाली होती है। सपने सिर्फ देखा नहीं करते, मेहनत भी करनी होती है। कौन हो तुम, पूछने की किसको फ़ुरसत है।… Read More »MEHNAT

SELF AWARENESS, believe , learning from mistakes, Kab sab sudhrega

Kab sab sudhrega

Kab sab sudhrega Kya kal subah,  kuch alag dekhne ko milega. Kya jo Kho Diya, Woh phir milega. Kab is covid se chutkara milega, Na jane, Kab samaj sudhrega.. Phir kab, ek dusre se milenge,… Read More »Kab sab sudhrega

pehli mulaqat

Pehli Mulaqat

Pehli Mulaqat खुशी थी, हल्की उदासी थी, शायद ऐसी ही हमारी कहानी थी. मिलना भी था, बिछड़ना भी था, ना जाने खुदा की क्या मजबूरी थी. कितने सालों के बाद, तुमसे मिलने की, हिम्मत ना… Read More »Pehli Mulaqat

khai toh hogi

Kahi toh hogi

Kahi toh hogi… Kahi toh hogi woh, Mujhe samje jo, mujhse thoda zyada. Jo kahaniyan sirf sune na, Unka hissa bhi ho. Chae main kuch na kaho, Phir bhi samje sab, Chupi ki wajah talashe,… Read More »Kahi toh hogi

तुम कौन हो सवाल करना?

तुम कौन हो सवाल करना?

फ़ुरसत मिले कभी, रोज के कामों से, पैसों को पीछे भागने, और दूसरों से आगे जाने से। तो,एक काम करना तुम कौन हो सवाल करना? कभी सोचो, कितना खो दिया, कितना बचाया होगा। यहां रिश्तों… Read More »तुम कौन हो सवाल करना?

recovering from a bad day, Can we be Friends again ?

क़िस्मत से तो रोज़ लड़ना हैं,

चुप चाप सेहना क्यों,ख़ुद के हालात पे रोना क्यों,क़िस्मत से तो रोज़ लड़ना हैं,अभी तो कुछ बड़ा करना हैं। नसीब में जो नहीं, वह मिलता नहीं,रोने से हालात बदलते नहीं,क़िस्मत से तो रोज़ लड़ना हैं,अभी… Read More »क़िस्मत से तो रोज़ लड़ना हैं,

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