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Poetry

क़िस्मत की खोज में

खुद की तलाश मैं, अपनी पहचान से। निकले है देखो आज, क़िस्मत की खोज में। मंज़िल का पता नहीं, हम तो राही है, हमे तो चलते रेहना। निकले है देखो आज, क़िस्मत की खोज में।… Read More »क़िस्मत की खोज में

जो अच्छी लगीं तुम

Kyun achi lagi tum

पहली नज़र का प्यार ना ही सही, कुछ तो  हुआ था, तुम्हे देखकर। सबसे अलग ,सबसे जुदा लगी तुम, यही वजह थी, जो अच्छी लगीं तुम। ज़माने की कोई फिकर नहीं करती, अपनी ही धुन… Read More »Kyun achi lagi tum

habits, मैं निकल चला हूं

मैं निकल चला हूं

खुद की तलाश में अपनी पहचान में, भीड़ को पीछे छोड़, में निकल चला हूं। लोगों की छोटी सोच से, समाज के दिए चोट से, अपनों के तानों के शोर से, मैं निकल चला हूं।… Read More »मैं निकल चला हूं

सुनो, मेरी डायरी कुछ कहती है

सुनो, मेरी डायरी कुछ कहती है

मेरी डायरी मेरे बारे में कम तेरे बारे में ज्यादा कहती है. जो पल हमने साथ में बिताए है, उनकों लफ़्ज़ों मे उतारा है. सुनो, मेरी डायरी कुछ कहती है. अच्छा सच बोलना, क्या तुम्हें… Read More »सुनो, मेरी डायरी कुछ कहती है

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