तुम कौन हो सवाल करना?

तुम कौन हो सवाल करना?

फ़ुरसत मिले कभी, रोज के कामों से, पैसों को पीछे भागने, और दूसरों से आगे जाने से। तो,एक काम करना तुम कौन हो सवाल करना? कभी सोचो, कितना खो दिया, कितना बचाया होगा। यहां रिश्तों को छोड़, सब कुछ तुमने कमाया होगा। तो,एक काम करना तुम कौन हो सवाल करना? जो पास है, क्या हमेशा…

क़िस्मत से तो रोज़ लड़ना हैं,

क़िस्मत से तो रोज़ लड़ना हैं,

चुप चाप सेहना क्यों,ख़ुद के हालात पे रोना क्यों,क़िस्मत से तो रोज़ लड़ना हैं,अभी तो कुछ बड़ा करना हैं। नसीब में जो नहीं, वह मिलता नहीं,रोने से हालात बदलते नहीं,क़िस्मत से तो रोज़ लड़ना हैं,अभी तो कुछ बड़ा करना हैं। ख़ुद पे भरोसा करना है,मंज़िल तक अकेले ही चलना है।क़िस्मत से तो रोज़ लड़ना हैं,अभी…