Kyun achi lagi tum

Kyun achi lagi tum

पहली नज़र का प्यार ना ही सही, कुछ तो  हुआ था, तुम्हे देखकर। सबसे अलग ,सबसे जुदा लगी तुम, यही वजह थी, जो अच्छी लगीं तुम। ज़माने की कोई फिकर नहीं करती, अपनी ही धुन में मगन रहती। सही मायनों में ज़िन्दगी जीती, यही वजह थी, जो अच्छी लगीं तुम। जितना सुन्दर चेहरा, उतना ही…

मैं निकल चला हूं

मैं निकल चला हूं

खुद की तलाश में अपनी पहचान में, भीड़ को पीछे छोड़, में निकल चला हूं। लोगों की छोटी सोच से, समाज के दिए चोट से, अपनों के तानों के शोर से, मैं निकल चला हूं। To Read my other Poem. Click here! अपने सवालों की खोज में, सही और ग़लत के फर्क से, मंजिल से अनजान,…

सुनो, मेरी डायरी कुछ कहती है

सुनो, मेरी डायरी कुछ कहती है

मेरी डायरी मेरे बारे में कम तेरे बारे में ज्यादा कहती है. जो पल हमने साथ में बिताए है, उनकों लफ़्ज़ों मे उतारा है. सुनो, मेरी डायरी कुछ कहती है. अच्छा सच बोलना, क्या तुम्हें याद है, हमारी पहली मुलाकात. वो प्यार की आगाज. सुनो, मेरी डायरी कुछ कहती है. दोस्ती के किस्से कम है,…